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DBT Voucher Scheme अंबेडकर डीबीटी वाउचर स्कीम 12वीं पास को मिलेंगे ₹2000

DBT Voucher Scheme राजस्थान सरकार विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर नई पहलें करती रहती है। इन्हीं योजनाओं की श्रृंखला में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना शुरू की है। यह योजना खासतौर पर उन छात्रों के लिए बनाई गई है, जो अपने घर से दूर रहकर किसी राजकीय कॉलेज में स्नातक (UG) या स्नातकोत्तर (PG) स्तर पर अध्ययन कर रहे हैं। इस योजना का उद्देश्य है कि आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद कोई भी छात्र-छात्रा शिक्षा से वंचित न रहे।

इस योजना के अंतर्गत छात्रों को आवास और दैनिक खर्चों के लिए वित्तीय मदद दी जाती है। किराए पर मकान लेने वाले छात्रों को किराया सहायता तथा घर से कॉलेज आने-जाने वाले छात्रों को यात्रा व्यय के रूप में राशि प्रदान की जाती है। सरकार का प्रयास है कि पढ़ाई के दौरान छात्रों को आर्थिक तनाव से मुक्ति मिले और वे शिक्षा पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकें।

योजना का उद्देश्य और लाभ

अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना का प्रमुख उद्देश्य यह है कि एससी, एसटी, ओबीसी, अति पिछड़ा वर्ग, ईडब्ल्यूएस (EWS) और अल्पसंख्यक वर्ग से जुड़े विद्यार्थियों को पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित किया जाए। अक्सर देखा गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के छात्र कॉलेज की फीस और रहने-खाने के खर्च के कारण पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं। इस योजना से छात्रों को आर्थिक मजबूती मिलती है और वे स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई सहजता से कर सकते हैं।

DBT Voucher Scheme

योजना के तहत 12वीं कक्षा पास करने के बाद कॉलेज में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को ₹2000 प्रतिमाह वित्तीय सहयोग दिया जाता है। यह सहायता एक शैक्षणिक वर्ष में अधिकतम 10 महीनों तक मिलती है। यानी कुल मिलाकर एक साल में छात्र को ₹20,000 तक की राशि सीधे उसके बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है।

इस राशि से न केवल रहने का खर्च पूरा किया जा सकता है बल्कि किताबें, स्टेशनरी, भोजन व यात्रा जैसी बुनियादी जरूरतें भी आसानी से पूरी हो जाती हैं। सरकार चाहती है कि कोई भी छात्र सिर्फ आर्थिक वजहों से अपनी शिक्षा अधूरी न छोड़े।

पात्रता, नियम और आवेदन प्रक्रिया

इस योजना का लाभ पाने के लिए कुछ शर्तें और पात्रता मानदंड तय किए गए हैं। सबसे पहले आवेदक को राजस्थान का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है। साथ ही, उसे एससी, एसटी, ओबीसी, अति पिछड़ा वर्ग, ईडब्ल्यूएस या अल्पसंख्यक वर्ग से संबंधित होना चाहिए।

छात्र का प्रवेश किसी जिला मुख्यालय स्थित सरकारी महाविद्यालय में नियमित पाठ्यक्रम (UG/PG) में होना जरूरी है। योजना का लाभ अधिकतम 5 वर्षों तक दिया जा सकता है, जिसमें प्रत्येक वर्ष 10 महीने की सहायता शामिल होती है।

इसके अलावा, आवेदक के परिवार की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। कुछ श्रेणियों में छात्रों के लिए पिछली कक्षा में न्यूनतम 60% या 75% अंक लाना अनिवार्य है, जिससे विद्यार्थियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहन मिले।

आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। छात्र ई-मित्र केंद्र या अपनी SSO ID के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के समय निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:

  • आधार कार्ड और जन आधार कार्ड
  • स्थायी निवास प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • पिछली कक्षा की अंकतालिका
  • बैंक खाता विवरण
  • मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
  • हाल की पासपोर्ट साइज फोटो

इस योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष लगभग 5,500 छात्र-छात्राओं को लाभ प्रदान किया जाता है।

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FAQs – अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना 2025

Q1. अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें रहने-खाने व यात्रा व्यय में सहयोग प्रदान करना है।

Q2. इस योजना के तहत कितनी राशि मिलती है?
छात्रों को हर महीने ₹2000 की राशि मिलती है, जो एक शैक्षणिक वर्ष में अधिकतम 10 महीनों तक दी जाती है। यानी सालाना ₹20,000 तक की सहायता।

Q3. इस योजना का लाभ कौन-कौन ले सकता है?
राजस्थान का स्थायी निवासी, जो एससी, एसटी, ओबीसी, अति पिछड़ा वर्ग, ईडब्ल्यूएस या अल्पसंख्यक वर्ग से संबंधित हो और किसी जिला मुख्यालय स्थित सरकारी कॉलेज में स्नातक/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में पढ़ रहा हो।

Q4. आवेदन की प्रक्रिया कैसे पूरी की जाती है?
विद्यार्थी SSO ID या ई-मित्र केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पिछली कक्षा की अंकतालिका और बैंक खाता विवरण जैसे दस्तावेज आवश्यक होते हैं।

Q5. योजना का लाभ कितने वर्षों तक लिया जा सकता है?
यह योजना अधिकतम 5 वर्षों तक लागू रहती है। हर साल 10 महीने तक ₹2000 प्रतिमाह की राशि दी जाती है।

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